एक लफ्ज November 09, 2020 की बदलती बातो में एक अलग ही नशा है, ना सुने तब तक ना जमीन है ना आसमा है चंद बातो का अपना ही एक अलग मजा है , फिर वही मुकम्मल अपनी एक अलग सी सजा है... Read more
एक लफ्ज October 07, 2020 की एक पल के लिए भी आप डॉक्टर के पास जाओगे तो एक पल में ही आप अपनी जेब खाली पाओगे... Read more
एक लफ्ज September 06, 2020 की खत्म हुई फसल रोता किसान, की ये कैसा जलजला है बारिश का की हँसता हुआ किसान अब रोता है... Read more
एक लफ्ज May 20, 2020 की हाल ए दिल अब क्या बताए साहब , दरिया भी अपना ही है और डूब भी अपन ही रहे हैं...-इम्तियाज पटेल Read more
एक लफ्ज May 06, 2020 की वक्त की रहा में वो भी एक रोडा था, कि हमने भी क्या खूब मंजर देखा था। की देखा था जहाँ को हमने भी क्या खूब सबने हमे भी तो अकेला छोड़ा था...-इम्तियाज पटेल।। Read more
एक लफ्ज May 06, 2020 के हाल है चलना अब क्या बताए साहब, की छालो का दर्द है, और दिल की नफ्जो से बस दूर है...-इम्तियाज पटेल।। Read more