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Showing posts from April, 2020

एक लफ्ज

  के थिरकता जहाँ अचानक थम गया, की जान अपनी बचाने के लिए हर इंसा घर बेठ गया...-इम्तियाज पटेल                         ...एक लफ्ज...

एक लफ्ज

के रख कर ताक पर अपना हौसला हम भी बेजुबां पर चल दिये,  की वक्त ए मंजर खुदा हम भी खुद पर हंस दिए...-इम्तियाज पटेल ।।