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एक लफ्ज

 की बदलती बातो में एक अलग ही नशा है,
ना सुने तब तक ना जमीन है ना आसमा है
चंद बातो का अपना ही एक अलग मजा है ,
फिर वही  मुकम्मल अपनी एक अलग सी सजा है...

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