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एक लफ्ज

की खत्म हुई फसल रोता किसान, 
की ये कैसा जलजला है बारिश का 
की हँसता हुआ किसान अब रोता है...

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कमभक्त शक एक मुनाफिक चीज है  जिसे लग जाए  उसे सब्र तक का शक भी हो जाये

एक लफ्ज

 में भी किसान हु ,तपता भी लू लहु में हु , उगता भी हु खिलाता भी हु दरिया हु दिल का पिघलता भी हु  क्योकि में एक किसान हु...