एक लफ्ज December 05, 2020 की चडे जंग चाहे लोहे पर या चडे परत पानी पर , हम तो ठहरे किसान भईया अपना हक मांग के रहेंगे... Read more
एक लफ्ज November 27, 2020 में भी किसान हु ,तपता भी लू लहु में हु , उगता भी हु खिलाता भी हु दरिया हु दिल का पिघलता भी हु क्योकि में एक किसान हु... Read more
एक लफ्ज November 22, 2020 की ये सर्द मौसम में भी हम एक दर्द लिये है , दर्द यू है कि एक नई जैकेट लेना है... Read more
एक लफ्ज November 18, 2020 नसा होना चाहिये आँखों में अदब का, जमाने में अपनी अलग पहचान बनाने का , नसा होना चाहिये मर्दो का आँखों में अदब का, मर्दो को इस जमाने का सारा जहाँ कहते हैं... Read more
एक लफ्ज November 09, 2020 की बदलती बातो में एक अलग ही नशा है, ना सुने तब तक ना जमीन है ना आसमा है चंद बातो का अपना ही एक अलग मजा है , फिर वही मुकम्मल अपनी एक अलग सी सजा है... Read more
एक लफ्ज November 06, 2020 की ये गुजरती राते भी क्या गम देती है, दिल धडकता है.चांद चमकता है, की खुवाबो ही खुवाबो में ये रात बस निकल जाती है... Read more
एक लफ्ज November 06, 2020 की सत्य एक ही कडवा है , चाहे जमाने में कही बेठो या ना बेठो लेकिन कटींग की दुकान पर तो जरूर बेठो... Read more