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एक लफ्ज

 की बदलती बातो में एक अलग ही नशा है, ना सुने तब तक ना जमीन है ना आसमा है चंद बातो का अपना ही एक अलग मजा है , फिर वही  मुकम्मल अपनी एक अलग सी सजा है...

एक लफ्ज

की ये गुजरती राते भी क्या गम देती है, दिल धडकता है.चांद चमकता है, की खुवाबो ही खुवाबो में ये रात बस निकल जाती है...

एक लफ्ज

की सत्य एक ही कडवा है , चाहे जमाने में कही बेठो या ना  बेठो लेकिन  कटींग की दुकान पर तो जरूर बेठो...

एक लफ्ज़

की लिख दु एक पल में  खुसी सारी, की कितनी हसीन थी वो बी.कॉम वाली जिंदगी, कि लम्हा दर लम्हा गुजर गया , आंखों के सामने से जैसे एक आधा  संसार निकल गया  engineering2  ...

एक लफ्ज

की एक पल के लिए भी आप डॉक्टर के पास जाओगे तो एक पल में ही आप अपनी जेब खाली पाओगे...

एक लफ्ज

की जिंदगी के नाम एक ही लफ्ज है , ना सुकून है, ना दर्द है बस शानदार प्रदर्शन है...