एक लफ्ज May 20, 2020 की हाल ए दिल अब क्या बताए साहब , दरिया भी अपना ही है और डूब भी अपन ही रहे हैं...-इम्तियाज पटेल Read more
एक लफ्ज May 06, 2020 की वक्त की रहा में वो भी एक रोडा था, कि हमने भी क्या खूब मंजर देखा था। की देखा था जहाँ को हमने भी क्या खूब सबने हमे भी तो अकेला छोड़ा था...-इम्तियाज पटेल।। Read more
एक लफ्ज May 06, 2020 के हाल है चलना अब क्या बताए साहब, की छालो का दर्द है, और दिल की नफ्जो से बस दूर है...-इम्तियाज पटेल।। Read more
एक लफ्ज April 28, 2020 के थिरकता जहाँ अचानक थम गया, की जान अपनी बचाने के लिए हर इंसा घर बेठ गया...-इम्तियाज पटेल ...एक लफ्ज... Read more
एक लफ्ज April 22, 2020 के रख कर ताक पर अपना हौसला हम भी बेजुबां पर चल दिये, की वक्त ए मंजर खुदा हम भी खुद पर हंस दिए...-इम्तियाज पटेल ।। Read more